ICMR ने कोरोना वायरस टेस्ट के लिए बनाया एंटी-बॉडी किट, जानिए किन लोगों की होगी जांच

ICMR ने कोरोना वायरस टेस्ट के लिए बनाया एंटी-बॉडी किट, जानिए किन लोगों की होगी जांच

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस की वजह भारत में देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया है। यह इसलिए क्योंकि इससे लोग एक दूसरे के संपर्क में नहीं आएंगे और जब तक लोग मिलेंगे नहीं तब तक कोरोना एक दूसरे तक नहीं पहुंचेगा। इस कदम के बाद अनुमान लगाया जा रहा था कि जल्द ही कोरोना से हम जंग जीत जाएंगे, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े देखे तो ऐसा कुछ होता दिखाई नहीं दे रहा है। दरअसल स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 6 अप्रैल तक भारत में कोरोना वायरस मरीजों की संख्या 4067 हो गई है, जबकि इस वायरस ने भारत के 109 लोगों को मौत के घाट पहुंचा चुका है। वहीं राहत देने वाली बात है कि अभीतक भारत में 292 मरीज इस संक्रमण से ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं।

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प्रधानमंत्री द्वारा घोषित देशव्यापी लॉकडाउन खत्म होने में मजह अब आठ दिन और बचे हैं, लेकिन इसका प्रकोप भारत में खत्म होता नहीं दिखाई दे रहा है। ऐसी स्थिति में भारत सरकार पर लगातार दबाव बढ़ता चला जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच हो सके जिससे संक्रमित मरीजों का पता लगाया जा सके। वही सही आंकडा पता चलने पर ही आगे की रणनीति बनाई जा सकती है। इसी के चलते ICMR ने पिछले दिनों कोरोना वायरस टेस्ट के लिए 10 लाख एंटी-बॉडी टेस्ट किट मंगाने के बारे में बताया। अब भारत में ये एंटी-बॉडी टेस्ट शुरू किया जा रहा है। आइए आपको बताते हैं क्या है ये टेस्ट और पुराने चल रहे टेस्ट से ये कितना अलग है।

किन लोगों को होगा एंटीबॉडी टेस्ट?

इस एंटीबॉडी टेस्ट में सभी संदिग्ध लोगों और पहले से बीमार एंफ्लुएंजा के रोगियों, निमोनिया के मरीजों, सामान्य जुकाम बुखार के रोगियों और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ चुके लोगों का टेस्ट किया जाएगा। ये जांच उन इलाकों में की जाएगी, जहां पर कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। सरकारें ऐसे इलाकों को चिन्हित करके जल्द ही जांच की प्रक्रिया शुरू करेंगी। इस एंटीबॉडी टेस्ट के द्वारा उन लोगों का भी पता चल पाएगा, जो कोरोना वायरस के संपर्क में तो आए थे, मगर जिनमें लक्षण नहीं दिखाई दिए।

कैसे किया जाएगा एंटीबॉडी टेस्ट?

Indian Council of Medical Research (ICMR) ने कोविड-19 टेस्ट के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की हैं, जिनमें 5 मिनट के अंदर रिजल्ट देने वाले एंटीबॉडी टेस्ट के जरिए अब जांच में तेजी लाई जाएगी। इस टेस्ट के लिए मरीज के खून का नमूना लेकर टेस्ट किट पर उसमें एंटीबॉडी की मौजूदगी चेक की जाएगी। जो लोग कोरोना वायरस के संपर्क में आ चुके हैं, उनके शरीर ने इस विषाणु के खिलाफ एंटीबॉडी बना लिया होगा। ये एंटीबॉडी खून में मौजूद होगा। ऐसे में एंटीबॉडी के द्वारा आसानी से और जल्दी से इस बात का पता लगाया जा सकता है कि कितने लोग कोरोना वायरस के संपर्क में आ चुके हैं।

एंटीबॉडी टेस्ट के बाद क्या होगा?

अगर किसी व्यक्ति का एंटीबॉडी टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो उसकी फिर पुराने तरीके यानी RT PCR के द्वारा जांच की जाएगी, ताकि व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस की सही स्थिति का पता लगा सकें। इसी के आधार पर उस व्यक्ति को या तो क्वारंटाइन किया जाएगा, या इलाज के लिए भेजा जाएगा या रोगमुक्त मान लिया जाएगा। वहीं अगर किसी व्यक्ति की जांच निगेटिव आती है, मगर उसमें कोरोना वायरस के सभी लक्षण दिख रहे हैं, तो उसे भी गंभीरता के आधार पर RT PCR टेस्ट के लिए भेजा जा सकता है या क्वारंटाइन करके पर्याप्त लक्षणों का इंतजार किया जा सकता है।

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अगर किसी मरीज में एंटीबॉडी टेस्ट निगेटिव आता है, और बाद में RT PCR टेस्ट भी निगेटिव आता है, लेकिन उसमें सामान्य सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी के लक्षण हैं, तो इसकी संभावना ज्यादा है कि उसे कोरोना वायरस नहीं, बल्कि किसी अन्य सामान्य फ्लू के कारण ये समस्याएं हैं। इस तरह जल्द से जल्द बड़े पैमाने पर इस टेस्ट के द्वारा मरीजों की सही संख्या का पता लगाकर आगे की रणनीति तय की जा सकती है।

 

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